Posts

Showing posts from November 26, 2009

कि;

Image
आज एक बेहद हलकी सी कुछ पंक्तियाँ.. कि; कि; वे दोनों एक-एक जगह के रईस हैं..! कि; उन दोनों की पहुँच बाकी की पहुँच से बाहर है..! कि; वे दोनों एक दूसरे को अपनी बता देना चाहते हैं..! कि; दोनों सामने वाले को अपने सामने कुछ नहीं समझते हैं..! बाकी; उन दोनों को खूब जानते हैं..! कि; पीकर दोनों रोज शाम को झगड़ा करते हैं..!!! #श्रीश पाठक प्रखर  चित्र-साभार:गूगल 

यूँ ही बस इधर-उधर विचरना मन का

Image
डायरी के पन्नों में क्या कुछ आ जाता है..कई बार उसकी कोई खास वज़ह नहीं होती, यूँ ही बस इधर-उधर विचरना मन का...कोई सन्दर्भ- प्रसंग नहीं..बिलकुल ही उन्मुक्त....उनमे से कुछ आपके समक्ष... किस्मत से मै भिखारी हूँ  और किस्मत से ही मुझे  भीख मिलती है. वरना  'आगे बढ़ो' की सीख मिलती है..!!! सिद्धांत एक ऐसा पुरुष है, जिसे कभी भी एक पतिव्रता नहीं मिलती..!!!  "जान लेकर करता है  खामोशी की शिकायत  दर्द की बात लिखता है  दर्द देने वाला.." ४.  "ख़ता तब से शुरू हो गयी बेइंतिहा       आजमाना जबसे जनाब ने शुरू किया.." देखें; 'श्रीश उवाच' पर- कि; चित्र साभार:गूगल