Posts

Showing posts from April 7, 2015
Be stereotype..! They like you; so they would accept you. Refuse to be typecast..! Only those who love you; could accept. People challenge even the danger of challenge. In this way, status quoists are more dynamic. आप उन्हीं लकीरों पर चलो. लोग जो पसंद करते हैं, जरुर स्वीकार कर लेंगे आपको. संभवतः कुछ आपको आदर्श भी मानने लगें. उन लकीरों को अस्वीकार कर चलिए, लोग जो आपसे प्रेम करते हैं, शायद वही आपको स्वीकार कर सकें. लोग 'चुनौतियों के खतरे तक ' को चुनौती देते हैं, इन अर्थों में यथास्थितिवादी कहीं अधिक प्रयत्नशील हैं, चूँकि उन्हें सतत विरोध करना है. (कल 'रंगरसिया' फिल्म देखने के बाद ...सोचने लगा. ) ‪#‎ श्रीशउवाच‬