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Showing posts from April 24, 2015

आपकी अमोल शुभकामनाओं के लिए ह्रदय से आभारी हूँ.

आपकी अमोल शुभकामनाओं के लिए ह्रदय से आभारी हूँ. ये ज्ञात-अज्ञात दुआएं ही हैं जिनकी बदौलत ये यज्ञ पूरा हुआ l अभी भी विश्वास नहीं होता कि पूरी हो गयी पी.एच. डी. l पिछले कई सालों से ये मेरे अस्तित्व के साथ यूँ चिपक गयी थी कि यही मेरी सीमा और यही मेरा विस्तार हो गयी थी. कुछ रास्ते, कुछ लोगों के लिए आसान और कुछ लोगों के लिए बहुत ही कठिन हो जाते हैं; इसमें काबलियत बस एक पहलू है l मेरे लिए यह रास्ता बहुत ही कठिन हो गया था l सैकड़ों बार सोचा कि इस रास्ते की मंजिल का मुंह मै नहीं देख सकूँगा l शुभेक्षाएं एवं दुआओं ने ही मुझे उबार लिया l और सच में रास्ते के इस किनारे आकर मै वही नहीं रह गया हूँ, जो रास्ते के उस छोर पर था l सीखा तो बहुत कुछ l पर शायद सबसे बड़ी सीख जो सीखी वो है-धैर्य l स्वयं पे विश्वास रखते हुए धैर्य का दामन पकडे हुए चलते जाना ...बस चलते जाना.......,....! और जब भी जितना भी मौक़ा मिल जाये ..खिलखिलाते रहना-हँसते और हंसाते रहना.... smile emoticon शुक्रिया   ‪#‎ JNU‬   l डेमोक्रेटिक स्पेस की रट लगाना और डेमोक्रेटिक स्पेस उपलब्ध करवाने में बहुत अंतर है l   यहाँ हर तरह के लोगों का स्वागत है