चीन की ओबोर नीति ओर भारत-अमरीका सहयोग

डॉ. श्रीश पाठक भारत की पहली महिला रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की हालिया अमरीका यात्रा के दौरान अपने समकक्ष रक्षा सचिव जेम्स मैटिस के साथ हुयी मुलाकात खासा सफल जान पड़ती है l जेम्स मैटिस ने बेहद स्पष्ट शब्दों में पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारे की आलोचना करते हुए भारत का पक्ष दुहराया कि यह गलियारा एक विवादित भू-भाग का हिस्सा है और कोई भी राष्ट्र एकतरफा किसी क्षेत्रीय ‘ मेखला ओर मार्ग पहल ’ (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) की घोषणा नहीं कर सकता l अब निश्चित ही अमरीका एशिया में अपने क्षेत्रीय हितों के लिए ठोस भूमिका निभाने को तैयार दिखता है l इस भूमिका में भारत स्वाभाविक रूप से अमरीका का रणनीतिक साझीदार है l भारत ने भी जतला दिया है कि वह एशिया ओर दक्षिण एशियाई मामलों में अमरीका के साथ मिलकर अपने राष्टीय हितों का सरंक्षण करने को तत्पर है l दरअसल चीन की पाकिस्तान के साथ आर्थिक गलियारे बनाने की कोशिश उसकी एक अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना ओबोर नीति का एक हिस्सा है l ओबोर नीति चीन के मौजूदा राष्ट्रपति जी जिनपिंग की सामरिक दिमाग की उपज है l घरेलू राजनीति में भ्रष्टाचार पर बेहद ठोस कदम उठाकर जी जिनपि