चाबहार के रास्ते

पिछले २९ अक्टूबर को गुजरात के कांडला बंदरगाह से अफ़गानिस्तान के लिए भारत ने गेहूँ की एक खेप ईरान के चाबहार बंदरगाह को भेजा है जो वायदे के मुताबिक लदान की छह किश्तों में पहली है. चाबहार बंदरगाह ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रान्त के दक्षिण में स्थित बेहद ही अहम बंदरगाह है. गेहूँ की यह किस्त यहाँ से सड़क मार्ग से इस प्रान्त की राजधानी ज़ाहेदान से होते हुए सीमावर्ती अफ़गानिस्तान के निमरुज प्रान्त की राजधानी ज़रांज तक पहुँचाई जायेगी. लगभग ९०० किमी की दूरी के इस सड़क मार्ग का अधिकांश हिस्सा ईरान में पड़ता है और इसे वायदे के मुताबिक ईरान ने ही विकसित किया है. ज़रांज से गेहूँ की यह किस्त अफ़गानिस्तान के प्रमुख शहर डेलाराम पहुँचाई जायेगी. डेलाराम से काबुल और अफ़गानिस्तान के बाकी प्रमुख शहर सीधे जुड़े हैं. रूट नंबर ६०६ के नाम से प्रसिद्घ ज़रांज से डेलाराम की २१८ किमी की लम्बी सड़क भारत ने आतंकी साये में बड़ी मुश्किलों से बनाई है. गुजरात के कांडला बंदरगाह से अफ़गानिस्तान के डेलाराम की यात्रा जो कि भारत के अनथक प्रयासों की यात्रा भी है; इतनी आसान नहीं रही है, पर यह बेहद संतोषप्रद है कि आखिरकार भारत इसमें क