यूरोप ने आज के अपने स्वैग के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकाई है, खून से अपने बर्फ बार बार रंगें हैं...!

एशिया के बाद दो भाग में देखें विश्व राजनीति में यूरोप ! 1. यूरोप ने आज के अपने स्वैग के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकाई है , खून से अपने बर्फ बार बार रंगें हैं ...! चौबीस घंटे की एक क्लॉक से अगर अपनी पृथ्वी की अभी तक की जिंदगानी को दिखाने की कोशिश हो तो हम इंसानों की औकात महज इतनी है कि 00:00 से शुरू हुई घड़ी में हम तकरीबन 11:58 पर अवतरित हुए। पर लगता यों है कि हिस्ट्री हमीं से है , इस जहान की । उसमें भी पिछले दो - तीन सौ साल से यूरोप का चैप्टर चल रहा और लगता यही है कि जैसे दुनिया का सारा ‘फर्स्ट’ यहीं से बिलोंग करता है। सत्ता जिसकी होती है , उसी का रहन - सहन होता है , उसी का भौकाल होता है , उसी की भाषा होती है और उसी की परिभाषा होती है। सुबूत ये है हुजूर कि , इवेन इस आर्टिकल में भी अगर अंगरेजी के वर्ड्स निकाल प्योर हिंदी के डाल दें , तो इसे बोझिल लगना चाहिए । इतिहास का पिता हेरोडोटस को मानना होता है जो यूरोप के एक देश ग्रीस का निवासी था। हम पढ़ते हैं कि अमेरिका की खोज कन्फ्यूज्ड क्रिस्टोफर कोलम्बस ने की जो इंडिया ढूंढते - ढूंढते कैरिबियाई द्वीपों से जा टकराया। अमेरिका पहले भी वहीं था , पर य