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Showing posts from December 22, 2017

यूरोप ने आज के अपने स्वैग के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकाई है, खून से अपने बर्फ बार बार रंगें हैं...!

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एशिया के बाद दो भाग में देखें विश्व राजनीति में यूरोप ! 1. यूरोप ने आज के अपने स्वैग के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकाई है , खून से अपने बर्फ बार बार रंगें हैं ...! चौबीस घंटे की एक क्लॉक से अगर अपनी पृथ्वी की अभी तक की जिंदगानी को दिखाने की कोशिश हो तो हम इंसानों  की औकात महज इतनी है कि 00:00 से शुरू हुई घड़ी में हम तकरीबन 11:58 पर अवतरित हुए। पर लगता यों है कि हिस्ट्री हमीं से है , इस जहान की । उसमें भी पिछले दो - तीन सौ साल से यूरोप का चैप्टर चल रहा और लगता यही है कि जैसे दुनिया का सारा ‘फर्स्ट’ यहीं से बिलोंग करता है। सत्ता जिसकी होती है , उसी का रहन - सहन होता है , उसी का भौकाल होता है , उसी की भाषा होती है और उसी की परिभाषा होती है। सुबूत ये है हुजूर कि , इवेन इस आर्टिकल में भी अगर अंगरेजी के वर्ड्स निकाल प्योर हिंदी के डाल दें , तो इसे बोझिल लगना चाहिए । इतिहास का पिता हेरोडोटस को मानना होता है जो यूरोप के एक देश ग्रीस का निवासी था। हम पढ़ते हैं कि अमेरिका की खोज कन्फ्यूज्ड क्रिस्टोफर कोलम्बस ने की जो इंडिया ढूंढते - ढूंढते कैरिबियाई द्वीपों से जा टकराया। अमेरिका पहले भी वहीं था , पर य

भारत ने क्यों किया वोट खिलाफ अमेरिका के ?

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आप इतना समझें कि वर्ल्ड पॉलिटिक्स में अमूमन नैतिकता महज इतनी होती कि वह किया जाय जिससे राष्ट्रहित को फायदा पहुंचे। जिसे हम आप डिप्लोमेसी कहते हैं , कूटनीति कहते हैं , वर्ल्ड पॉलिटिक्स में इसके मायने बस इतना है कि कैसे अपना राष्ट्रहित बचाते हुए जहाँ कहीं मौका मिले वहाँ इसे बढ़ाया जाय। वर्ल्ड पॉलिटिक्स की एक खास बात और समझ लें तो भारत की हालिया अमेरिका के खिलाफ की गयी वोटिंग समझ आ जाएगी।  वर्ल्ड पॉलिटिक्स anarchic है , माने यहाँ कोई एक नियामक शक्ति नहीं है जैसे कि देशों के भीतर सरकारें होती हैं। इसलिए अपने हितों की सुरक्षा स्वयं करनी होती है। हितों की सुरक्षा सभी अन्य देशों से किसी न किसी रीति से जुड़ने में अधिकतम होती है। दुनिया के सभी देश घोषित तौर पर कुछ भी प्रवचन दें , किन्तु सभी देशों से किसी न किसी रीति से जुड़ने की सम्भावना को टटोलते रहते हैं। इसीलिये कहते हैं कि , वर्ल्ड पॉलिटिक्स में कोई स्थाई शत्रु नहीं होता और न होता है कोई स्थाई मित्र ही।  लोकतंत्र में चुनाव जीतना बेहद कठिन होता है। बहुमत के मत संजोने होते हैं। अमेरिकी चुनाव में यहूदी  मत और हथियारों की लॉबी में उनका निर्णायक प्