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मालदीव में आवश्यक है हस्तक्षेप

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साभार: गंभीर समाचार  यूँ तो मालदीव बहुत ही छोटा सा देश है जिसमें पांच लाख से भी कम लोग रहते हैं, पर इस बेहद खूबसूरत देश की भू-राजनीतिक स्थिति उतनी ही कमाल की है। इसलिए ही मालदीव का राजनीतिक संकट महज एक आंतरिक संकट नहीं है अपितु इस संकट ने अमेरिका, यूरोपीय संघ, अरब देशों सहित समूचे विश्व की नज़रें क्षेत्र की दो बड़ी शक्तियों भारत और चीन पर केंद्रित कर दी हैं। हिन्द महासागर क्षेत्र पर प्रभाव विश्व-व्यापार के दैनंदिन यातायात के लिए अहम है। सुपरपॉवर अमेरिका इसलिए ही हिन्द महासागर में मालदीव के ठीक नीचे विषुवत रेखा के पार ब्रिटेन और भारत के साथ चागोस द्वीपसमूह के डियागो गार्सिआ पर अपनी सामरिक उपस्थिति बनाये हुए हैं। वर्ल्डपॉवर से सुपरपॉवर बनने की जद्दोजहद में लगा चीन विश्व के अधिकांश सामरिक क्षेत्रों सहित हिन्द महासागर क्षेत्र में भी अपनी प्रभावी उपस्थिति बना चुका है। शी जिनपिंग का चीन महत्वकांक्षी ‘एक मेखला-एक मार्ग’ योजना के तहत ‘समुद्री रेशम मार्ग’ पर भी काम कर रहा है। चीन मलक्का जलडमरूमध्य के कोकोज कीलिंग द्वीप के पास और अफ्रीकी तट पर जिबूती में जहाँ नौसेना बेस बनाने की कोशिश कर रहा है वह

मालदीव संकट और भारत

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महज सवा चार लाख की आबादी वाले छोटे से देश मालदीव ने अपने राजनीतिक संकट से पूरी दुनिया की नज़र भारत पर केंद्रित कर दी है। मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने मालदीव के पहले लोकतांत्रिक रीति से निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद सहित हाई प्रोफ़ाइल नौ राजनीतिक बंदियों को रिहा करने और 12 सांसदों की सदस्यता बहाल करने का निर्देश दिया। संसद सदस्यता के बहाल होने का अर्थ यह है कि मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की सरकार अल्पमत में आ जाएगी और उनके विरुद्ध संसद महाभियोग पारित कर सकेगी। यामीन ने खतरा भांपते हुए और संभवतः अपना आखिरी दांव चलते हुए देश में 15 दिवसीय आपातकाल की घोषणा कर संसदीय कामकाज सहित सारे कामकाज ठप कर दिए हैं, आशंका है वे इसे आगे भी बढ़ा सकते हैं । उनके निर्देश पर सेना ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व यामीन के भाई पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम को गिरफ्तार कर लिया है तथा संसद को घेर लिया है। निर्वासित राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से प्रत्यक्ष हस्तक्षेप कर लोकतंत्र को बचाने की गुहार लगाई है और अमेरिका से भी मदद की दरख्वास्त की है। भारत ने कड़े शब्दों में मालदीव से लोकतंत्र बहाली क