इराक़ में हुईं उम्मीदें राख-गंभीर समाचार

साभार: गंभीर समाचार यह सब कुछ अमेरिका के झूठ से शुरू हुआ। ९/११ से तिलमिलाए अमेरिका ने दुनिया को दो ही तरह से देखना शुरू किया: अमेरिका के साथ एकजुट देश और अमेरिका खिलाफ देश। अमेरिका ने इराक पर इल्जाम लगाया कि उसके पास जनविनाश के हथियार (डब्ल्यूएमडी) हैं। इराक़ में सद्दाम की मूर्ति भी नहीं बची पर इस्लामिक आतंकवाद की जड़ों को सींचने वाले लोग मिलते गए जो इस दुनिया में सुन्नी इस्लाम की सल्तनत कायम करने और क़यामत के बाद हसीं हूरों से भरे जन्नत के ख़्वाब देखने का जुनून रखते थे। इराक़ से उत्तर-पश्चिम सटे सीरिया में अल-क़ायदा के एक धड़े ने खुद को विश्व भर में इस्लामिक स्टेट बनाने का लक्ष्य दिया और इस्लामिक आतंकवादियों ने सीरिया के उत्तरी क्षेत्र के प्रमुख शहर रक़्क़ा पर मार्च, २०१३ में कब्ज़ा कर लिया। अल-फ़ुरत (यूफ्रैटीज) नदी के किनारे बसा रक़्क़ा शहर गृहयुद्ध में झुलसते सीरिया का प्रमुख सामरिक शहर है, जहाँ से दक्षिण-पूर्व में बसे पड़ोसी देश इराक़ के उत्तरी क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण सामरिक शहर मोसूल लगभग पांच सौ किमी की दूरी पर है। दाएश (आईएसआईएस/आईएसआईएल के अरबी नाम का संक्षिप्तीकरण) के दुर्दांत लड़ाके एक क