Brainstorming about Ideologies

Cartoon Source: CartoonStock डॉ. श्रीश पाठक विचारधाराओं के बारे में कुछ बातें जानना बेहद जरूरी हैं। ♦️विचार तो सदा ही मनुष्य जाति की थाती रहे हैं लेकिन विचारधाराओं का इतिहास बहुत पुराना नहीं है। ♦️किसी भी संज्ञा के साथ लगा - ism उसे विचारधारा नहीं बना देता। विचारधारा सिर्फ वह हो सकती है जो किसी भी मानव घटना की व्याख्या अपने पारिभाषिक संसाधनों से कर सके। ♦️हर विचारधारा की सीमा उसके निश्चित सैद्धांतिक संसाधन ही हैं, इसलिए किसी भी विचारधारा को अंतिम मान लेना दृश्य से अधिक लेंस को महत्व देने सरीखा है। ♦️अधिकाधिक विचारधाराएं किसी एक मानव घटना की कई परस्पेक्टिव से व्याख्या करने के काम में आती हैं, किसी एक व्याख्या को अंतिम मान लेना यह स्वयं की सीमा हो सकती है। ♦️विचारधारा का अतिवाद सबसे जघन्य है, इसने विश्व को दो-दो महायुद्ध दिए हैं और अनगिनत लोगों को लाशों में तब्दील किया है। ♦️कोई भी विचारधारा, स्वयम को सम्पूर्ण नहीं कह सकती। दरअसल कोई भी अवधारणा जो मानव के ऊपर आधारित हो, वह सम्पूर्ण नहीं हो सकती, क्योंकि मनुष्य चेतन है, महज जड़ पदार्थ नहीं है इसलिए लगातार परिवर्तन होता रहता है। ♦️अंततः क