✍️और हाँ, हमारे-आपके खाते स्विस बैंक में नहीं हैं...

15/01/2020 Image Source: Financial Express जो भी हो देश से, अपने वतन से तो हम मुहब्बत करते ही हैं। अब इस देश के हालात पर हम आप बात नहीं करेंगे तो और कौन करेगा। क्या कहा, इसके लिए नेता जी लोग हैं! ना भाई, चौकीदारों पर भरोसा करना एक बात, आँख मूंद लेना एक बात है। तो पहली बात ये है कि सरकारी आंकड़ों के हिसाब से (NSO) गुजरे दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति की दर पिछले 65 महीनों में (पिछले 5 साल) सर्वाधिक रही। इसका हमारे आपके लिए मायने ये हैं कि जरूरी चीजों की कीमत आसमान छू रही है। प्याज छोड़िए, बताइए कौन सी सब्जी आपको सस्ती मिल रही। सब्जी छोड़िए, दिल पर हाथ रखकर बताइए कौन सी चीज पहले से सस्ती मिल रही है। महँगाई का असर हम सब शिद्दत से महसूस कर रहे हैं। महँगाई नियंत्रण में होती तो हम आप निश्चित ही कुछ बचत कर पाते। बचत होती है तो ग्राहक खरीदने को तैयार होते हैं, जिससे अर्थव्यवस्था में माँग बनती है। किसी भी आर्थिक जानकार से बात कर लें, वे मानेंगे कि इस समय यह माँग खासा सिकुड़ गई है। दूसरी बात हम ये भी जानते हैं कि अपनी अर्थव्यवस्था में ग्रोथ भी ठिठकी पड़ी है। अब अगर मुद्रास्फीति ऊँची दर पर हो और ग