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Showing posts from May 10, 2020

Three Things by Dr. Shreesh: PM Modi Addresses NAM Contact Group

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Three Things by Dr. Shreesh क्या है NAM संपर्क समूह? The Coordinating Bureau of the NAM सदस्य देशों के साथ पारस्परिक संपर्क और सहयोग की निरंतरता के लिए प्रयत्न करती रहती हैl The Coordinating Bureau of the NAM इस कार्य के लिए बनायीं गयीं विभिन्न वर्किंग कमेटीज, टास्क फोर्सेज, कांटेक्ट ग्रुप्स एवं अन्य कमेटीज की देखरेख करती रहती है l NAM संपर्क समूह, सदस्य देशों से संपर्क सूत्रों को अपडेट कर उन्हें आपस में सतत जोड़े रखने की कोशिश करती है l Image Source: www.narendramodi.in क्यों महत्वपूर्ण है Online Summit of NAM Contact Group? भारत की विदेश नीति की कोई भी विवेचना, NAM के उल्लेख के बिना पूरी नहीं हो सकती l शीत युद्ध के बाद नए-नवेले आजाद हुए देशों के लिए एक सक्रिय मंच के तौर पर इसकी उपयोगिता मद्धम पड़ती गयी क्योंकि अब दुनिया द्विध्रुवीय राजनीति के चंगुल से मुक्त हो गयी थी l शीत युद्ध के बाद भी चूँकि NAM के उद्देश्यों की पूर्ति अभी भी नहीं हो सकी है तो एक मंच के तौर पर इसकी उपयोगिता समाप्त नहीं हुई थी, और फिर भारतीय विदेश नीति की कुछ चुनिंदा प्रारम्भिक उपलब्धियां NAM के खाते से आयीं तो भारत

✍️तहजीब के मायने यों तो गहरे हो सकते थे पर फ़िलहाल पर्दादारी इसका शॉर्टकट है

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Manto Film  _____ कुछ लोग जिन्हें जमाना होशियार नहीं कहता वे इस तरकीब को कभी समझ नहीं पाते कि तरक्की के लिए कितनी ही दिखाई देने वाली चीजों को नज़रअंदाज किया जाता है और कितनी ही चीजें जबरन देखी जाती हैं, जो मौजूद में कहीं वज़ूद नहीं रखतीं। मंटो उनमें से रहे होंगे, जो ज़िंदगी भर न समझ पाए कि जो चीज जैसी है उसे वैसी ही लिख देने में हर्ज क्या है ! नज़र आने वाली हर शै को हर नज़र देख सके, जरूरी नहीं। यकीन मानिए दिमाग ही देखता है, आँखें बस गुलामी करती हैं। दीद, दिमाग की तो तसदीक़ आँख की। कुछ के पास नज़र होती है, वे देखते हैं और बयां करते हैं। और फिर ये जरूरी नहीं कि वह बयानात सबको पसंद आये।  अल्लामा इक़बाल का एक शेर है:  “तुम्हारी तहज़ीब अपने ख़ंजर से आप ही ख़ुद-कुशी करेगी जो शाख़-ए-नाज़ुक पे आशियाना बनेगा ना-पाएदार होगा” तहजीब के मायने यों तो गहरे हो सकते थे पर फ़िलहाल पर्दादारी इसका शॉर्टकट है। सारी इज्जत इसी छुपाव में है, बनाव में है। मंटो की परेशानी एक और भी है। लेखक मंटो असल मंटो में फ़र्क़ नहीं बरत पाता। बहुतेरे बरत लेते हैं, शान से जीते हैं, लोग-बाग उनकी अदब करते हैं। मंटो एक जगह लिखते हैं कि-