✍️5G से एक दारुण भविष्य की ओर

डॉ. श्रीश पाठक Image Source: Express Computer 5G से धीरे-धीरे समूचा ऑफलाइन, ऑनलाइन हो जाएगा। इन्टरनेट ऑफ थिंग्स की तकनीक धीरे-धीरे इन्टरनेट फॉर एवरीथिंग की हो जाएगी। हम अपने क्रमशः पराधीन होते जीवन को स्वयं ही मेहनत के जुटाए पैसों से खरीदेंगे और सभ्य महसूस करेंगे। हर सौ मीटर पर रेडियेशन थूकते मिनीटावर अंततः हमारा प्राकृतिक स्पेस ही छीन लेंगे। इंसानों के साथ-साथ सभी वस्तुओं के साथ हमारे समस्त संबंधों का रिकॉर्ड इन्टरनेट कम्पनियों के पास होगा, जिसे वे मुनाफे के लिए इस्तेमाल करेंगी। हाथ में बंधी घड़ी से उन्हें हमारे शरीर के बारे में सब पता होगा तो हमारे हर क्लिक से वे हमारे द्वारा किए जा सकने वाले अगले क्लिक की संभाविता बेच व्यापार को अगले लेवल पर ले जाएंगी। दुनिया, कुछ बड़ी कंपनियों की गुलाम होगी, यह कुछ ग्लोबल कॉर्पोरेट इंपीरियलिज्म जैसा होगा, जिनके आगे सरकारें अंततः बेबस होंगी या सरकार ही कंपनियों की होंगी, जिसे बस तभी हराया जा सकेगा जब मानव अचानक बिजली और इन्टरनेट प्रयोग करना छोड़ दे, जो लगभग असंभव होगा। मेरे देश में जबकि 5G के होने का अर्थ केवल 'और अधिक नेट स्पीड' ही समझा ज