जान की कोई कीमत नही जमापूंजी के जमींदारों के लिए

Cartoon Credit: Simon Kneebone तकरीबन 4000 लोगों की जानें गयीं थीं 9/11 के आतंकी हमले में। यह आतंकी हमला इस स्केल पे हो ही नहीं सकता था जो अलकायदा को तालिबानों का समर्थन न मिला होता। वही तालिबान जो अफगानिस्तान में मुजाहिदों के बीच से निकले और ज्यादा कट्टर और क्रूर! और मुजाहिदीन वही जो अमरीकी समर्थन से पनपे ताकि अफगानिस्तान से कम्युनिस्टों का प्रभाव हटे और शीत युद्ध में अमरीका का पलड़ा भारी रहे। 9/11 का बदला लेने के लिए उसी पाकिस्तान का सहारा लिया गया जिसने तालिबान को 1995 से दूध पिलाया और उस हक्कानी नेटवर्क को तालिबानों के साथ लगाया जिसे जुल्फिकार अली भुट्टो ने 70 के दशक में पैदा किया। 9/11 के लिए जिम्मेदार लादेन को उसी पाकिस्तान ने अपने यहाँ सुरक्षित रखा जिसके आर्मी जनरल तालिबान का सफाया करने के लिए अफगानिस्तान में अमरिका का साथ दे रहे थे ताकि पाकिस्तान की गिरती आर्थिक हालात को अमेरिकन मदद से पटरी पर लाया जा सके। अफगानिस्तान से तो अमरीकी 31 अगस्त 2021 को लौटे लेकिन जब तक वे लादेन को मारते उन्हें ईराक के सद्दाम हुसैन नजर आ गए थे। वेपन्स ऑफ मास डिस्ट्रक्शन का तगड़ा झूठ गढ़ा गया और खूब